Best Creatine Guide in Hindi- Benefits, Side Effects,Usage And More | जानिए क्रिएटिन के बारे में सब कुछ जो आपको जानना जरुरी है। 

Creatine (क्रिएटिन) बॉडीबिल्डर्स और एथलीटों के बीच एक बहुत ही लोकप्रिय सप्लीमेंट माना जाता है। इसकी लोकप्रियता का कारण इसका अन्य सप्लीमेंट्स की तुलना में सस्ता, सुरक्षित, असरदार और फाएदेमंद होना है।

ऐसा कोई कारण नही जो दिखाये कि आप creatine नही ले सकते। फ़िर भी अनेक गुणों को धारण करने वाले इस creatine के प्रभाव और सुरक्षा पर आज भी कई लोगों द्वारा प्रश्नचिन्ह लगाया जाता है। 

कई लोग इसे आज भी steroid मानते है और दावा करते है कि इससे किडनी-लीवर खराब होते है, भले ही इन लोगों ने creatine का “C” भी ना पढ़ा हो। बहुत से सप्लीमेंट्स डीलर और ट्रैनर्स भी इसे निकम्मा बताते है, ताकि वो लोग इसकी जगह दुसरे महँगे सप्लीमेंट्स (जो असली निकम्मे है) बेच सके।

जितना ज्यादा फिटनेस और स्पोर्ट्स में creatine का उपयोग किया जाता है, उतनी ही ज्यादा इसके बारे में myths और भ्रांतियाँ भी फैलायी जाती है। आज हम इन्हीं myths और भ्रान्तियों को दूर करते हुए जानेंगे की creatine क्या है, कैसे काम करता है और इसे कैसे लें? 

Best Creatine Guide In Hindi

Table of Contents

Creatine क्या है?

Creatine एक ऑर्गेनिक ऐसिड है, जिसमे नाईट्रोजन उपस्थित होती है। Creatine तीन अमीनो ऐसिड्स से मिलकर बना है जो कि glycine, arginine और methionine है। यह फॉस्फोक्रीएटिन (PCr) के रूप में ऊर्जा हस्तांतरण (Energy transfer) में शामिल होता है और जो कि creatinine के रुप में पचकर (metabolise होकर) किडनी के द्वारा बाहर निकाल दिया जाता है।

इसका नाम ग्रीक शब्द “κρέᾰς (kréas)” पर पड़ा है जिसका अर्थ “माँस” होता है क्योंकि लगभग 95%  Creatine मांसपेशियों में phosphocreatine के रुप में जमा होता है और बाकी 5% मस्तिष्क, किडनी और लीवर में जमा होता है। 

सभी स्तनधारियों में इसका आधा भाग किडनी-लीवर में तीनों अमीनो ऐसिड्स के द्वारा बनता है और आधा भाग माँसाहारी भोजन (जैसे बीफ़, चिकन, पोर्क आदि) से प्राप्त होता है। हमारे शरीर में लगभग 1 से 2 प्रतिशत Creatine बनता है जो कि पुरे शरीर का 1% होता है।

जो भी creatine सप्लीमेंट हम लेते है वो कृत्रिम रूप से बनाये तो प्रयोगशाला में जाते है लेकिन उनकी आणविक प्रोफ़ाइल शरीर में पाये जाने वाले creatine की तरह ही होती है, इसलिये बाहर से लेने पर भी यह सुरक्षित होते है। इसका कई वेट गैनर और प्री-वर्काउट सप्लीमेंट्स में भी उपयोग होता है।

Creatine क्या और कैसे काम करता है? 

शारीरक एनर्जी ट्रांसफर के नेटवर्क में creatine महत्वपूर्ण भुमिका निभाता है। जब भी बाहर से या शरीर के द्वारा निर्मित creatine, शरीर में जाता है तो सबसे पहले फॉस्फेट अणु के साथ मिलकर creatine phosphate का निर्माण करता है। Creatine के काम को ढंग से समझने के लिये हमे कोशिकीय ऊर्जा की बायोकेमेस्ट्री को समझना पड़ेगा और मैं इसे सरलता से समझाने की कोशिश करूँगा।

आपके शरीर में सभी कोशिकाओं को adenosine triphosphate (एडेनोसिन ट्राईफॉस्फेट) या ATP द्वारा संचालित किया जाता है। जैसे जब आप कुत्ते को घुमाने ले जाते हो तब भी ATP का यूज़ होता है, जब आप जिम में हैवी वेट उठाते हो तब भी ATP का उपयोग होता है और इसके अलावा आपकी शादी आपकी गर्लफ्रेंड से होगी या नही, इस बात की चिंता करते हो तो भी ATP का कुछ भाग यूज़ होता है।

इन कामों को करने के लिये कोशिकाओं को जो ऊर्जा मिलती है, वह डायरेक्ट भोजन से कोशिकाओं में ट्रांसफर नही होती, बल्कि ये “macronutrient (protein, fat, carbs) की ऊर्जा” ATP से होती हुई कोशिकाओं की  जरूरतों को पुरा करती है। कहा जाये तो ATP शरीर की कोशिकाओं के लिये ऊर्जा स्त्रोत है।

हमारे शरीर में ATP का विघटन मूल रूप से Hydrolysis की प्रक्रिया के द्वारा होता है। Hydrolysis की प्रक्रिया से ATP से “Phosphoryl या फॉस्फेट ग्रुप” निकल जाता है। आपको यह बता दूँ की Phosphoryl ग्रुप में मूल रूप से एक Phosphate और तीन ऑक्सिजन के कण रहते हैं जो की एक तरह से आयन की तरह काम करते है।

इस प्रक्रिया में ध्यान में रखने वाली बात यहाँ यह है की, पहले से ATP के अंदर तीन फॉसफेट के कण थे परंतु हाइड्रोलाइसिस के चलते अब इसके अंदर सिर्फ दो फॉसफेट कण बच गए है। इसलिए दो फॉसफेट कण वाले इस ग्रुप को ADP (adenosine di-phosphate) कहते हैं।

देखा जाये तो ADP गंगाधर की तरह तब तक यूज़लेस है, जब तक ही वह फिर से शक्तिमान मतलब ATP में परिवर्तित नहीं हो जाता। अब यह मत बोलना कि शक्तिमान वाला रिफरेंस बहुत पुराना हो गया है।

इसके बाद एन्ट्री होती है हमारे सुपरहीरो Creatine की। यह Creatine उसके पास के phosphate ग्रुप को ADP को डोनेट कर देता है, जिससे ATP की पुनर्स्थापना होती है। ADP को ATP में बदलकर, Creatine ATP के संगृहीत होने क्षमता को बढ़ा देता है, जिससे हम जिम में ज्यादा लम्बे समय तक और ज्यादा मेहनत के साथ वर्काउट कर पाते है।

जितना ज्यादा creatine हमारे शरीर में होगा, उतनी ही ज्यादा ADP कन्वर्ट होकर ATP में बदलेगी और जितनी ज्यादा ATP शरीर में होगी उतना ही ज्यादा हम वजन उठा पायेंगे और तेज़ भाग पायेंगे। इसका मतलब creatine हमें तेज़ और ताकतवर बनने में मदद करता है।

Creatine supplement के फायदे

आजकल मार्केट में कई नये नये सप्लीमेंट्स आ चुके है, जो muscle maas और strength बढ़ाने का दावा करते है लेकिन उन पर कोई ज्यादा साइंटिफिक रिसर्च नही मिलती जो उन्हे सच साबित कर सके और यहाँ तक कि उनके सुरक्षित होने की भी कोई गारंटी नहीं है। 

लेकिन Creatine supplement पर पिछ्ले कुछ दशकों में भारी-भरकम रिसर्चेस हुई है जो इसकी सुरक्षा और प्रभावशीलता को प्रामाणित करती है। देखा जाये तो Creatine सबसे ज्यादा रिसर्च किया गया न्यूट्रीशनल सप्लीमेंट है। नीचे आपको कुछ फायदे बताये जा रहे है, जो कि इन्हीं रिसर्चेस से साबित हुए है। 

1. CREATINE, muscle साइज़ बढाता है।

Creatine डायरेक्ट तरीके से muscle building नहीं करवाता। यह सच है कि creatine से muscles का साइज़ बढ़ता है, लेकिन यह साइज़ ज्यादातर muscles में पानी की मात्रा बढ़ने के कारण होती है। इस अध्ययन में पता चलता है कि किस तरह शरीर में पानी की मात्रा को बढ़ा देता है। बहुत से लोग जो creatine supplement लेना चालू करते है, कुछ ही दिनो में उनकी muscles बड़ी और भरी हुई दिखाई देती है, जिसका मुख्य कारण Intracellular Water Retention ही होता है, क्योंकि creatine ओस्मोलिटिक (osmolytic) होता है जिससे यह पानी को muscle cells की तरफ खींचता है।  Muscles में पानी की मात्रा बढाने के अलावा यह नाइट्रोजन बैलेंस और कुछ genes के एक्सप्रेशन पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है।

इसके अलावा creatine ट्रेनिंग केपेसिटी को भी बढ़ा देता है जिससे हम ज्यादा एक्सरसाइज कर पाते है और ज्यादा हैवी वेट उठा पाते है। इस तरह से ट्रेनिंग volume और intensity बढ़ने से भी muscle growth होती है।

इन दोनों अप्रत्यक्ष (indirect) तरीकों के अलावा कुछ प्रत्यक्ष (direct) सबूत भी मिलते है कि creatine से muscle growth होती है। जैसे कि इस अध्ययन से पता चलता है कि यह myostatin को नकारात्मक रुप से प्रभावित करता है, जिससे डायरेक्ट muscle growth होती है। इसके अलावा यह satellite cells की सक्रियता को भी बढाता है जो कि muscle building में प्रत्यक्ष रुप से काम करती है।

2. CREATINE, Strength (ताकत) को बढाता है।

कई अध्ययन यह दर्शाते है कि Creatine supplement लेने का सबसे मुख्य फायदा Strength का बढ़ना है। Creatine पर किये गई 22 अध्ययनों के इस meta-analysis (मेटा-एनालिसिस का मतलब होता है “अध्ययनो का अध्ययन” मतलब studies का बाप ) में रिसर्चरों ने पाया कि किस तरह creatine का उपयोग नहीं करने वालों के मुकाबले, इसका उपयोग करने वालों की strength 8% तक बढ़ी।

इसमें रिसर्चरों ने यह निष्कर्ष निकाला कि “यह दर्शाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि resistance training के दौरान क्रिएटिन सप्लीमेंट अकेले resistance training की तुलना में muscle strength और weightlifting performance बढ़ाने में अधिक प्रभावी है, हालांकि response अत्यधिक परिवर्तनशील है।” 

3. CREATINE, Power (शक्ति) को बढाता है। 

बॉडी बिल्डिंग में तो वैसे ज्यादा power की जरूरत नही पड़ती लेकिन अन्य स्पोर्ट्स जैसे स्प्रिंटिंग, वेटलिफ्टिंग, कुश्ती, तैराकी, साईकिलिंग आदि में इसकी जरूरत पड़ती है। इन खेलों पर किये गये अध्ययनों से पता चलता है कि Creatine पावर बढाने में सक्षम है।

Power का मतलब होता है कि आप किसी वजन या शरीर को कितनी तेज़ी से मूव कर सकते हो, जबकि Strength का मतलब किसी वजन को आप कितनी ज्यादा मात्रा में मूव करते हो।

4. CREATINE, Muscular Endurance को बढाता है।

Creatine supplement को जब भी बेचा जाता है, तो इसकी मार्केटिंग Strength, power और lean mass बढ़ाने के लिये की जाती है। लेकिन इससे muscle endurance भी बढ़ता देखा गया है।

इस मेटा-एनालिसिस में पाया गया कि जिन लोगो ने creatine लिया था उनकी बैंच प्रैस में reps लगाने की क्षमता 26% तक बढ़ गई, जबकि placebo ग्रुप की 12% तक ही बढ़ पायी।

5. CREATINE, Muscle recovery को बढ़ाता है। 

जब भी हम intense एक्सरसाइज करते हैं तो muscle fibers में micro-tears आ जाते है, जिससे inflammation और muscle soreness होती है। इस रिसर्च से पता चलता है कि Creatine supplement, intense एक्सरसाइज़ से होने वाले cell damage और inflammation को कम करता है, जिससे रिकवरी तेज़ी से होती है।

6. CREATINE, Brain (मस्तिष्क) को मजबूत बनाता है। 

वैसे तो ज्यादातर Creatine हमारी मांसपेशियों में पाया जाता है, लेकिन इसकी कुछ मात्रा वृषण (testes) और मस्तिष्क (brain) में भी पायी जाती है। मस्तिष्क मेटाबोलिक रुप से शरीर का सबसे सक्रिय ऊतक (most metabolically active tissue) है, जिसके कारण इस पर ऊर्जा के उत्पादन का बोझ बहुत अधिक होता है। मांसपेशियों की तरह ही मस्तिष्क को चलाने के लिये भी बहुत सारी ऊर्जा की जरूरत पड़ती है।

यह रिसर्च दिखाती है कि कठिन कार्य करते समय हमारे मस्तिष्क को ज्यादा मात्रा में ATP की आवश्यकता होती है और Creatine हमारे मस्तिष्क में ATP के स्तर को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भुमिका निभाता है। 

इस अध्ययन से पता चलता है कि मस्तिष्क में उच्च creatine concentrations के परिणामस्वरूप mental performance में सुधार हुआ और creatine supplements के द्वारा इस concentration को काफी हद तक बढ़ाया जा सकता है।

Creatine का उपयोग कैसे करें?

अब जब हम समझ गए हैं कि Creatine कैसे और क्यों काम करता है, तो आइए एक नज़र डालते हैं कि creatine की प्रभावशीलता को अधिकतम करने के लिए इसका उपयोग कैसे करें। 

▪️ Creatine का कौन सा प्रकार लेना चाहिये?

मार्केट में creatine के कई प्रकार उप्लब्ध है और हर कोई कम्पनी दावा करती है कि उनका creatine बेस्ट है। “Creatine monohydrate” के बाद इन प्रकारों में से जो ज्यादा जाने जाते है वो है – creatine citrate, creatine ethyl ester, creatine nitrate और अन्य buffered प्रकार के creatine (creatine HCL आदि)।

जब भी creatine का कोई नया प्रकार आता है, तो तकनीकी रुप से इसे creatine monohydrate से बेहतर बताने के लिये कई तर्क दिए जाते है। लेकिन इस रिसर्च से साफ़ पता चलता है कि creatine supplement के सभी प्रकारों में से creatine monohydrate ही सबसे ज्यादा प्रभावशाली है, भले ही सप्लीमेंट्स कम्पनी कुछ भी कहे।

Creatine monohydrate को ही सभी प्रकार के creatine supplement का “मानक प्रकार” माना जाता है। यह अन्य प्रकारों की तुलना में सस्ता भी है और इस पर अभी तक के सबसे ज्यादा अध्ययन किये गये है। देखा जाये तो इस पर कुछ नही बल्कि सैंकड़ों अध्ययन हुए है, जो इसकी प्रभावशीलता को हरी झण्डी देते है। 

▪️ Creatine को कैसे और कितनी मात्रा में लेना चाहिये?

अब आप सोच रहे होंगे कि जब creatine एटीपी को रिसाइकल करने में मदद करता है तो जितना ज्यादा creatine लेंगे, उतनी ज्यादा ATP मिलेगी और आप जिम में ज्यादा मेहनत कर पाओगे। लेकिन ऐसा नही है, हमारा शरीर कुछ ही मात्रा में इसे जमा कर सकता है। creatine supplement को लेने का मुख्य उददेश्य इसी मांसपेशियों की creatine जमा करने की क्षमता (muscle creatine storage) को संतृप्त करना या पुरा भरना है। 

तो इसे संतृप्त करने के लिये creatine supplement कितनी मात्रा में लेना चाहिये?

सामान्य तौर पर creatine supplement को लेने के तीन नियम है – पहला loading, दुसरा maintenance और तीसरा cycling।

Loading वाले तरीके में creatine को हाई डॉज में लिया जाता है। इसमें 4 से 7 दिन तक लगातार, दिन में 4 से 5 बार तक, 20 से 25 ग्राम तक creatine supplement को लिया जाता है। इस loading phase के बाद muscles creatine storage संतृप्त हो जाती है और फिर इसके बाद maintenance के लिये हर दिन 2 से 5 ग्राम तक इसे लिया जाता है।

वैसे तो loading निश्चीत रुप से प्रभावी है लेकिन यह जरुरी नही है। यह रिसर्च दर्शाती है कि प्रति दिन 3-5 ग्राम की मध्यम दैनिक खुराक लगभग 3-4 सप्ताह के सप्लीमेंटेशन के बाद muscle creatine storage को संतृप्त कर सकती है। अगर आप जल्दी परिणाम चाहते है तो loading कर सकते है, लेकिन अगर दिन में 20-25 ग्राम creatine लेने से आपका पेट खराब होता है, तो दैनिक मध्यम खुराक 3-5 ग्राम वाला तरीका ही आपके लिये सही रहेगा। 

इन दोनों के बाद आता है cycling वाला तरीका जिसमें आप एक बार में कुछ हफ़्तों के लिए creatine को चालू और बंद कर सकते हैं। कुछ लोगों का मानना है कि creatine supplement शरीर में बनने वाले (endogenous) creatine के उत्पादन को दबा सकता है और creatine उत्पादन के दीर्घकालिक डाउनरेगुलेशन को रोकने के लिए इसका साइकल चलाना चाहिए।

लेकिन देखा जाये तो ऐसा कोई सबूत नही मिलता जो यह दर्शाये कि लम्बे समय तक creatine सप्लीमेंटेशन करने के बाद और फिर सप्लीमेंटेशन छोड़ने के बाद शरीर के creatine उत्पादन में कोई रुकावट आती है। यह सच है कि सप्लीमेंट लेने के बाद थोड़े समय के लिये शरीर का प्राकृतिक उत्पादन कम हो जाता है, लेकिन सप्लीमेंट छोड़ने के बाद यह फिर से शुरु हो जाता है।

अगर मेरा अनुभव बताऊँ तो मैं रोज़ 5 ग्राम का scoop भरकर creatine लेता हूँ जो कि डब्बे के अंदर आता है। मैं इसे करीब पाँच साल से ले रहा हूँ और कई बार बीच में छोड़ा भी है, लेकिन आज तक मुझे कोई साइड इफेक्ट दिखाई नहीं दिया।

▪️ Creatine लेने का सही समय क्या है?

Creatine लेने के सही समय को लेकर जब भी चर्चा होती है, तो दो timing, एक तो वर्काउट के पहले (pre workout) और दुसरी वर्काउट के बाद (post workout), पर ज्यादा बहस होती है। मतलब इसे pre workout में लिया जाये जा post workout में। देखा जाये तो इस विषय पर ज्यादा रिसर्च नही की गई है, इसलिये एक ठोस निर्णय देना कठिन है।

कुछ लोग इसे pre workout में यह समझकर लेते है कि इससे उन्हे वर्काउट के लिये ज्यादा एनर्जी मिल जायेगी। लेकिन creatine तब एनर्जी देता है जब हमारी muscle cells इससे संतृप्त होती है, इसे लेने के बाद इसमें एक हफ्ते तक का समय लग सकता है। हमें एनर्जी पहले से भरे हुए creatine phosphate stores से मिलती है, ना कि supplement से जो हमने कुछ देर पहले लिया है। 

अगर 3 अध्ययनों के इस मेटा-एनालिसिस पर गौर करें तो इसमें post workout टाईमिंग को बेहतर बताया गया है। इसमें रिसर्चरों ने बताया है कि “सीमित अध्ययनों के आधार पर यह दिखता है कि creatine supplement को resistance training के पहले और बाद में लेने पर lean-tissue mass और strength बढ़ती है। उनका सुझाव है creatine को post workout लेना ज्यादा muscle benefit देता है, बजाय इसे pre workout लेने के।

यदि creatine monohydrate की बात की जाये तो इसे कई समयों पर लेकर देखा जा चुका है और यह हर समय पर muscle creatine storage को संतृप्त करने में सक्षम है। इसलिये मुझे नही लगता की इसकी टाईमिंग से इतना ज्यादा फर्क पढ़ता है। फिर भी अगर आप इसे post workout में लेना चाहते है तो थोड़ा बहुत फायदा मिल सकता है।

इसके अलावा creatine supplement को post workout के साथ लेने के लिये और भी कई कारण है। जैसे- 

  • हमारा शरीर किसी भी workout के बाद पोषक तत्वों को तेज़ी से ग्रहण करता है। 
  • Workout के दौरान खाली हुई muscle creatine storage फिर से भर जाती है।
  • Post workout meal में carbs के कारण शरीर में insulin spike होता है और अगर इसके साथ creatine supplement लिया जाये, तो यह insulin ज्यादा से ज्यादा creatine को muscle cells में ले जायेगा। 

Creatine के side effects या Myths?

जब हम creatine के फायदे के बारे बात कर चुके, तो जानते है, कि इसके संभावित side effects क्या है? वैसे तो creatine पर सैंकड़ों अध्ययन हुए है जो इसके सुरक्षित होने को दर्शाते है और अभी तक एक भी ऐसा कोई बड़ी रिसर्च नही है जो की creatine के खतरनाक side effects दिखाता हो। लेकिन फिर भी अगर आप इंटरनेट पर “creatine के side effects” ढूंढने जाओगे तो आपको कई मिलेंगे। जिनमें प्रमुख है – किडनी और लीवर का खराब होना, dehydration, muscle cramps, वजन का बढना, gastrointestinal तकलीफे आदि। लेकिन ये सब side effects सच है या बस myths और गलत जानकारिया, आइये जानते है। 

▪️ Creatine से किडनी और लीवर खराब होते है।

Creatine से किडनी और लीवर खराब होते है ऐसा इसलिये माना जाता है कि इससे रक्त में creatinine का लेवल थोड़ा बढ़ सकता है। Creatinine का उपयोग किडनी और लीवर की बीमारियों को मापने के लिये किया जाता है। लेकिन creatine से creatinine का लेवल बढ़ने का ये मतलब नही होता कि इससे किडनी और लीवर को नुक्सान पहुंच रहा हो।

अभी तक ऐसी कोई रिसर्च नही हुई है जो यह सबूत दे सके कि स्वस्थ लोगो में किडनी और लीवर पर नुक्सान पहुंचा हो। इसके विपरीत ऐसे अध्ययन जरूर मिलते है, जिनमें creatine के लम्बे समय तक उपयोग के बाद भी किडनी और लीवर पर कोई नकारात्मक प्रभाव नही मिला।

▪️ Creatine से dehydration और muscle cramps आते है। 

Creatine शरीर में जमा पानी को muscle cells में ले जाता है, इसलिए एसा माना जाता है कि इससे dehydration और cramps आते है। लेकिन देखा जाये तो cells में जाने वाला ये पानी बहुत कम मात्रा में होता है। इसके अलावा ऐसी कोई रिसर्च भी नही है, जो इससे dehydration होने को साबित करे। इसका उल्टा इन दोनो रिसर्च में creatine को शरीर की कुल पानी की मात्रा को बढ़ाते देखा गया है, जिससे पानी की मात्रा (hydration) बनी रहती है।

तीन सालो तक कॉलेज के फुटबॉल प्लयेर्स पर किये गये इस अध्ययन में यह दिखाया गया है कि creatine supplementation से कोई muscle cramp या injury नही होती।

▪️ Creatine से Gastrointestinal तकलीफ होती है।

Creatine supplement से कुछ gastrointestinal तकलीफे देखी गई है, लेकिन यह बहुत ज्यादा दुर्लभ है। वास्तव में, क्रिएटिन लेने वाले केवल 5-7 प्रतिशत लोगों को पेट दर्द का अनुभव होता है। पेट में दर्द आमतौर पर तब होता है जब आप एक बार में बहुत अधिक Creatine  लेते हैं – उदाहरण के लिए, loading के दौरान या खाली पेट लेने पर।

इस अध्ययन में बताया कि 5 ग्राम की recommended serving से पाचन संबंधी कोई समस्या नहीं हुई, जबकि 10 ग्राम की serving से diarrhea का खतरा 37% तक बढ़ गया। इस कारण से, recommended सर्विंग को 3-5 ग्राम किया गया है।  20 ग्राम वाले लोडिंग प्रोटोकॉल को भी एक दिन के दौरान 5 ग्राम की चार सर्विंग्स में बाँटा गया है।

▪️ Creatine से weight gain होता (वजन बढ़ता) है। 

Creatine से weight बढ़ने का कारण मुख्य कारण इससे शरीर में पानी की मात्रा बढ़ना है। इन रिसर्चो में रिसर्चरों ने पाया है कि creatine supplementation से टोटल बॉडी वॉटर (शरीर में कुल पानी की मात्रा) बढ़ती है।

हालांकि muscles में पानी की मात्रा बढ़ने से weight gain तो होता है, लेकिन यह fat mass (चर्बी) बढ़ने से होने वाले weight gain के जितना हानिकारक नही होता है। कई रिसर्चो में यह दिखाया गया है कि resistance training के साथ creatine supplement लेने से lean body mass बढ़ता है और fat mass कम होता है, जिससे body composition सुधरता है। 

▪️ Creatine से hair loss होता है।

अगर आप creatine supplement लेते हो तो, हो सकता है कि आपने भी सुना हो creatine से बाल झड़ते या hair loss होता है। creatine से hair loss का विचार 2009 के एक अध्ययन से आया जिसमें रग्बी प्लयेर्स में creatine supplementation से “DHT” नामक होर्मोन का स्तर बढ़ा हुआ आया। यह पाया गया है कि DHT एक ऐसा होर्मोन है जो उन लोगो में hair loss को बढ़ा देता है, जिनमें जेनेटिकली male pattern baldness के लक्षण होते है और यह अनुमान लगाया गया है कि creatine इन अतिसंवेदनशील लोगों में गंजापन को तेज कर सकता है।

लेकिन अभी तक ऐसा कोई अध्ययन नही हुआ है, जो creatine और male pattern baldness में डायरेक्ट लिंक दिखाए। सिर्फ एक अध्ययन के दम पर यह कहना कठिन है कि इससे जिन लोगों में Male pattern baldness की हिस्ट्री नही है, उन्हे hair loss हो सकता है।

मुझे भी creatine लेते हुए लगभग 5 साल हो चुके है और मैनें आजतक इसके कारण बालों को झड़ते नही देखा। अभी तक ऐसा कोई सबूत भी नही है, जो इसे सच साबित कर सके। 

निष्कर्ष (Conclusion)

Creatine का उपयोग लगभग सौ वर्षों से ज्यादा समय से किया जा रहा है और 1990 के बाद से इस पर अभी तक 

सैकडों अध्ययन हो चुके जिनमें प्रभावशीलता और सुरक्षित होने को दर्शाया गया है।

जैसे जैसे इस पर रिसर्च हो रही है यह पता लगता जा रहा है कि creatine ना सिर्फ muscles और strength को बढाता है, बल्कि इसके स्वास्थ्य संबंधी भी कई फायदे है। मैडिकल क्षेत्र में इसका उपयोग आजकल कई तरह की बिमारियों को treat करने के लिये किया जा रहा है।

फिर भी मेरा मानना है कि हमें हमेशा एक अच्छी न्यूट्रिशनल डाइट और एक अच्छी ट्रेनिंग की तरफ फोकस करना चाहिये। किसी भी लक्ष्य को हासिल करने में कोई भी supplement थोड़ा बहुत सहयोग कर सकता है, लेकिन इस पर निर्भर नही हुआ जा सकता और यही बात creatine पर भी लागू होती है।

और अंत में कहा जाये तो creatine मार्केट में उप्लब्ध सबसे सस्ता, सबसे प्रभावी और सबसे सुरक्षित सप्लीमेंट्स में से एक है। इसलिये मुझे नही लगता कि इसे उपयोग ना करने का कोई कारण है। फिर भी किसी भी सप्लीमेंट को लेने से पहले एक अच्छे डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

Frequently Asked Questions

क्या जब आप क्रिएटिन लेना बंद कर देंगे तो इससे बढ़ी ताकत (strength) और मांसपेशियां (muscles) गिर जायेगी?

नहीं, हाँ या थोड़ी बहुत। 
यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम स्ट्रेंथ और मसल्स गेन के किस पहलू पर बात कर रहे है। Creatine लेने के दौरान हमारी ताकत और मांसपेशियां दो प्रकार से बढ़ती है, प्रत्यक्ष (directly) और अप्रत्यक्ष (indirectly)।

Creatine लेने का मुख्य प्रभाव यह हैं कि मसल्स में creatine phosphate ज्यादा मात्रा में संग्रहित (stored) होता है। यह creatine मसल्स में मौजूद पानी के अणुओं के साथ जुड़ जाता है, जिससे lean muscles का साइज बढ़ जाता है। जब हम क्रिएटिन सप्लीमेंट रोकते है तो मसल्स में creatine phosphate का स्तर एक महीने के भीतर फिर से उसी बेसलाइन स्तर पर आ जाता है, जब हम क्रिएटिन सप्लीमेंट नहीं ले रहे होते है। तो जाहिर है अब हमे प्रत्यक्ष रूप से creatine के फायदे नही मिलेंगे, जिससे स्ट्रेंथ और मसल्स गेन में कमी दिखेगी।

लेकिन जब हम Creatine supplement ले रहे होते हैं तो हमारी ट्रेनिंग परफॉर्मेंस बढ़ती है और रिकवरी अच्छे से होती है। जिसके फलस्वरूप स्ट्रेंथ और मसल मास बढ़ता है। तो creatine supplement छोड़ने की बाद भी यह अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ी strength और muscles कायम रहती है।

याद रखें, Creatine एक सप्लीमेंट हैं ना कि कोई ड्रग, जो इसे steroid की तरह छोड़ने पर, भारी मात्रा में स्ट्रेंथ और मसल्स लॉस हो।

क्या creatine लेने के दौरान अधिक मात्रा में पानी पीना जरूरी है?

शायद नहीं, और जबरदस्ती तो बिल्कुल नहीं।
आपने भी कई महानुभावों के मुंह से यह बात सुनी होगी कि creatine लेते हो तो एक दिन में हजारों लीटर पानी पिया करो। Creatine लेते समय यह चिंता की जाती है कि इससे डिहाइड्रेशन हो सकता है क्योंकी यह मसल सेल्स के द्वारा पानी को अवशोषित करने की प्रक्रिया को बढ़ा देता है। लेकिन इसका कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं कि creatine से डिहाइड्रेशन हो सकता है । 

2003 के इस अध्ययन के मुताबिक, प्रतिभागियों में 7 दिन के लोडिंग फेस के दौरान उनका total body water केवल 1.4 लीटर तक ही बढ़ा। 7 दिनों में 1.4 लीटर का बढ़ना कोई खास चिंता का विषय नहीं है।

सबसे अच्छी सलाह है कि जब भी प्यास लगे तब पानी पियो, जबरदस्ती लीटरो पानी पीने की कोई जरूरत नहीं। जब भी आप कोई ऐसी एक्टिविटी करते हो जिसमें ज्यादा पसीना निकलता है, तो ज्यादा प्यास लगना स्वाभाविक है।

क्या creatine लेने से बॉडी फैट बढ़ता है या आप मोटे दिखाई देते हो?

नहीं।
जब आप Creatine लेना शुरू करते हो तो शुरुआती दौर में आपका वजन बढ़ सकता है, जो की एक्स्ट्रा वाटर रिटेंशन के कारण होता है। इसे कई लोगों को लगता है कि उनका बॉडी फैट या मोटापा बढ़ रहा है। 

यह वाटर रिटेंशन या अतिरिक्त पानी आपकी मसल्स में जमा होता है, जिससे आपका शरीर मोटा तो नहीं दिखाई देता, बल्कि ज्यादा muscular दिखाई देता है जो कि अच्छी बात है।

क्या creatine को वैट लॉस या कटिंग (cutting) के दौरान इस्तेमाल कर सकते है?

हां भी और नहीं भी।
यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप वैट लॉस या कटिंग क्यों करना चाहते हो।

अगर आपको फैट लॉस करना है या फिट और मस्क्युलर दिखना है, तो आराम से इसका उपयोग कर सकते हो। Cutting या फैट लॉस के दौरान creatine का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको strength और muscle loss होने से बचा सकता है।

इसके अलावा अगर आपको वैट लॉस किसी खेल के लिए आवश्यक वजन की श्रेणी (weight class) में आने के लिए करना है, तो आप Creatine का उपयोग ना करें। 

क्या Creatine गंजेपन की समस्या या hair loss को बढ़ाता है?

पता नहीं, लेकिन संभावना कम है।
2009 में कॉलेज रग्बी प्लेयर्स पर एक अध्ययन हुआ, जिसमें 3 हफ्तों तक उन्हें creatine supplement देने के बाद DHT नामक हार्मोन बढा हुआ पाया। यह DHT या dihydrotestosterone ही वह हार्मोन है, जो गंजेपन या hair loss के लिए जिम्मेदार होता है।

इसी अध्ययन के बाद से यह अफवाह फैली कि creatine से hair loss हो सकता है। लेकिन अभी तक कोई ठोस या पर्याप्त वैज्ञानिक सबूत नहीं है, को इस क्लेम को सही साबित करे। जितने भी सबूत है वो केवल लोगों के अनुभवों के आधार पर या सिर्फ कही-सुनी बातों पर आधारित है।

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