“नया साल, नया मैं (new year new me)”।
New Year’s Fitness Resolutions के लिये नये साल से बेहतर समय क्या हो सकता है? सभी चीजों को नये और बेहतर तरीके से करने का समय। एक नई शुरुआत।
वैसे भी जो लोग न्यू ईयर्स रेजोल्यूशन का मतलब जानते है, उनमें से ज्यादातर लोगों के संकल्प फिटनेस से संबंधित ही होते है।
कोई भी नया साल कम से कम यह गारंटी तो लेकर आता है की वह एक साल जरूर चलेगा। लेकिन इस पर किये गये नये संकल्प मतलब new year’s fitness resolutions चायनिज़ चीज़ो की तरह होते है, चल गये तो सालो-साल, ना चले तो कुछ दिनो, हफ्तों या महीनों तक भी ना टिक पाये।
तो, समय आ गया है, पुरानी आदतों को जड़ से उखाड़ फेंकने का और नई अच्छी आदतों के रोपण का। समय आ गया है, आलस और जंक फूड द्वारा शरीर एवं पाचन तंत्र पर किये गये अत्याचारों के प्रायश्चित का और जंग लग चुकी शारिरीक मशीनरी को पुनः शुरु करने का।
पिछले साल जितने भी स्वाद और आलस जैसे भोगों का मज़ा लिया, समय आ गया है उनकी बलि चढ़ाने का। जाहिर है, इनकी बलि चढ़ाने की सबसे अच्छी जगह है, “फिटनेस का मंदिर जिम (gym)!
लेकिन असल में होता क्या है? वो “फिटनेस के संकल्प” ही एक गौरवशाली किंतु पसीने से लथपथ मौत मर जाते है।
इन्हीं new year’s fitness resolutions (फिटनेस के संकल्पों) के साथ कई चीज़े बन्द की जाती है। नये साल से शराब बन्द, सिगरेट बन्द, फास्ट फूड बन्द, ये बन्द वो बन्द, सब बन्द। तो फिर चालू क्या ?
अरे भाई, जिम चालू! 1 जनवरी से तेरा भाई रोज़ जिम जायेगा!
आज के आर्टिकल में हम जानेंगे कि इन नये फिटनेस के संकल्पों अर्थात् new year’s fitness resolutions के टूटने का कारण क्या है और इन्हे कैसे बनाये रखें जो कि आपको वेट लॉस करने, मसल बिल्ड करने और शरीर को फिट रखने में मदद कर सकें।
हमारे New year’s Fitness resolutions लंबे समय तक क्यों नहीं टिक पाते है?
जैसा कि हम जानते है, हर वर्ष कई लोग एक नए उत्साह के साथ के new year’s fitness resolutions लेते है और उनमें से अधिकांश लोग एक महीने तक भी इस नए साल के संकल्प पर टिक नहीं पाते।
1. उत्साह से भरी उम्मीद (The Hype and Hope)
हर साल नए साल में लाखों लोग जिम मेंबरशिप लेते हैं, लेकिन उनमें से बहुत कम लोग इसे पूरे साल तक बनाए रख पाते हैं।
जिम मेंबरशिप लेने के पीछे कई कारण होते हैं। कुछ लोग वजन कम करने के लिए जिम जाते हैं, कुछ लोग स्वस्थ रहने के लिए जिम जाते हैं, और कुछ लोग सिर्फ जिम में जाकर एक्सरसाइज करने का मजा लेते हैं।
जिम मेंबरशिप लेने के बाद शुरू के कुछ हफ्ते तो लोग बहुत उत्साहित होते हैं। वे नियमित रूप से जिम जाते हैं और एक्सरसाइज करते हैं। लेकिन कुछ समय बाद, उनका उत्साह ठंडा पड़ने लगता है। वे जिम जाने में आलसी होने लगते हैं, और उनका एक्सरसाइज करने में मन नहीं लगता।
अगर हमें पता है कि कुछ ही लोग इसमें सफल हो पाते हैं, तो हर साल बहुत से लोग new year’s fitness resolutions लेते क्यों है?
क्योंकी नया साल हमेशा ही उम्मीदों से जुड़ा होता है। हर किसी को उम्मीद होती है, कि जो चीज़े वे पहले नहीं कर पाए, वो इस साल करेंगे। यही समय होता है हमें अपने आप से जो भी शिकायते है, उनकी एक लिस्ट बनाकर, उन आदतों को सुधारने का और जिंदगी को बेहतर बनाने का।
इन्हीं उम्मीदों और उत्साह (hype and hope) के बीच कई लोग ऐसे लक्ष्यों (goals) को निर्धारित करते है, को बहुत ज्यादा महत्वाकांक्षी होते है। इन्हीं लक्ष्यों का पूरा ना हो पाना new year’s fitness resolutions की नाकामी का कारण बनता है।
महत्वाकांक्षी new year’s fitness resolutions निर्धारित करने का कारण और नुकसान –
महत्वाकांक्षी फिटनेस लक्ष्य निर्धारित करना सबको मस्त लगता है! ये शुरुआत में ऐसा लगता है, जैसे आप बहुत लंबे और कठिन पहाड़ पर चढ़ने वाले हो, जिसके कारण आपके पूरे शरीर में एड्रेनलिन का करंट दौड़ रहा हो और फेफड़ों में अजब सी सनसनी मची हो।
आप कल्पना करते है कि सबसे ऊंची पर्वत चोटी पर खड़े है, उसके ऊपर सूर्य की रोशनी जीत की सुनहरी चमक बन कर आपको सराबोर कर रही है। फतेह करने की खुशी के कारण मसल्स फूल चुकी है और हरेक मसल फाइबर आपकी सफलता की गाथा सुना रहा है।
आइए जानते है कि उन new year’s fitness resolutions लक्ष्यों को निर्धारित करने के लिए दिमाग में नशीला उत्साह कैसे पैदा होता है:
🔸 डोपामीन का आवेश (The Dopamine Rush):
सिर्फ लक्ष्य निर्धारित करने मात्र से ही डोपामीन का लेवल बढ़ जाता है, इस डोपामीन को “रिवार्ड न्यूरोट्रांसमीटर” भी कहते है। क्योंकि इसके बढ़ने से दिमाग में मानसिक आतिशबाजी शुरू हो जाती है, जो हमें सक्सेस की गारंटी और रुकावटों को दूर करने की संतुष्टि से भर देता है।
🔸असीमित संभावनाएं (The Limitless Horizon):
अचानक से ही सबकुछ संभव लगने लगता है। आप स्वयं को खुद के पुराने रिकॉर्ड्स (PRs) तोड़ते हुए, कठिन एक्सरसाइजेस में महारत हासिल करते हुए और खुद के बेस्ट-फिटेस्ट वर्ज़न में देखने लगते हो। आपकी बनाई हुई पुरानी मानसिक लिमिटेशन धराशाई हो जाती है और उसकी जगह असीमित क्षमता (limitless potential) की भावना पैदा हो जाती है।
🔸साथी हाथ बढ़ाना (The Community of Strivers):
आप इस एडवेंचर में अकेले नहीं हैं! एक जैसी विचारधारा वाले लोगों के साथ अपने लक्ष्य साझा करने से भाईचारे की भावना बढ़ती है। आप एक-दूसरे की जीत से प्रेरणा लेते हैं और असफलताओं के दौरान समर्थन प्रदान करते हैं। जिससे एक जैसे प्रेरित दिमागों का एक शक्तिशाली नेटवर्क बनाते हैं।
🔸स्वयं की खोज (The Self-Discovery Journey):
महत्वाकांक्षी लक्ष्यों की प्राप्ति खुद को खोजने की यात्रा है। आप अपनी बाउंड्रीज से आगे बढ़ते हैं, अपनी लिमिट को टेस्ट करते हैं और ताकत एवम हिम्मत के छिपे हुए भंडार की खोज करते हैं। यह शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से निरंतर सीखने और विकास की प्रक्रिया है।
उत्साह से new year’s fitness resolutions लक्ष्यों को निर्धारित करना सिर्फ पहला स्टेप है। लेकिन याद रखे हमें लंबी रेस का घोड़ा बनना है। जिसके लिए क्या ज़रूरी है, उनकी हम आगे बात करेंगे।
2. उत्साह और उम्मीदों का पतन (The Reality Check)
New year’s fitness resolutions उम्मीदों और महत्वाकांक्षा से भरे हुए होते हैं। हम खुद को स्लिम, मस्क्युलर और फिट बनाने की कल्पना करते हैं, लेकिन फरवरी तक इन आकांक्षाओं को ख़त्म होते देखा जा सकता है। लेकिन क्यों?
केवल 8% से 9% लोग ही अपने नये साल के संकल्पों को पूरा कर पाते हैं। अगर हम इंटरनेट पर उपलब्ध आंकड़ों की माने तो 8% से 9% लोग ही new year’s fitness resolutions को पूरा कर पाते हैं।
इसके अलावा अगर हम फिर से इंटरनेट पर उपलब्ध आंकड़ों की माने तो ज्यादातर new year’s fitness resolutions साल के पहले कुछ महीनों में ही छोड़ दिए जाते हैं। और अगर एक्सपीरियंस के आधार पर देखा जाए तो इनमें से कई महानुभाव तो जनवरी के अंत तक भी नहीं टिक पाते।
new year’s fitness resolutions टूटने के पीछे का मनोविज्ञान
यह जानने के लिए कि new year’s fitness resolutions पर गाज़ क्यों गिरती है? हमें मनोवैज्ञानिक झमेलों में गहराई से उतरना पड़ेगा।
उत्साही लक्ष्य-निर्धारण से निराशाजनक लक्ष्य-टूटने तक की यात्रा कई मनोवैज्ञानिक गड्ढों से भरी है। आइए कुछ प्रमुख खलनायकों का पता लगाएं –
1. लक्ष्यों का धुंधलापन (The Goal Gap):
🔸Fuzzy Focus:
हम अक्सर “हेल्दी होना है” या “वजन कम करना है” जैसे अस्पष्ट और महत्वाकांक्षी स्तर के new year’s fitness resolutions निर्धारित करते हैं। इन लक्ष्यों में उस विशिष्टता और ठोसपन का अभाव है जिसकी हमारे दिमाग़ को तलब लगती है। जबकि SMART goals (Specific, Measurable, Achievable, Relevant, Time-bound) जैसी रणनीति एक स्पष्ट रोडमैप प्रदान करती हैं।
🔸Misaligned Motivations:
new year’s fitness resolutions कभी-कभी आंतरिक इच्छाओं के बजाय बाहरी दबावों या सामाजिक अपेक्षाओं से उत्पन्न होते हैं। खुद के जुड़ाव की यह कमी कमिटमेंट को कमजोर करती है और “चाहिए” की मानसिकता को बढ़ावा देती है, जिससे आगे चलकर अपराधबोध और निराशा पैदा होती है।
2. दिमागी उथल-पुथल (The Impulsive Impasse):
🔸Rational vs. Reactive Brains:
प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स नामक दिमाग का हिस्सा, जोकि तर्क और योजना का केंद्र है, लक्ष्य निर्धारित करता है। लेकिन दैनिक कार्यों को नियंत्रित करने का काम इंपल्सिव लिंबिक सिस्टम करता है। ये दोनों भाग अक्सर अलग हो जाते हैं, जिससे बनाए गए लक्ष्य तात्कालिक लालसाओं या पुरानी बनी आदतों से टकराते हैं।
🔸Willpower vs. Habit Loops:
पहले से बनी आदतों से लड़ने के लिए केवल इच्छाशक्ति पर निर्भर रहना एक हारी हुई बाजी की तरह है। इसके बदले नई आदतें बनाना (जैसे लिफ्ट के बजाय सीढ़ियाँ चढ़ना, या चिप्स के स्थान पर फल खाना) दिमाग को लंबी चलने वाली सफलता के लिए फिर से एक्टिवेट करता है।
3. मानसिक पतन (The Deflating Downward Spiral):
🔸All-or-Nothing Thinking:
कई बार एक छोटी सी चूक भी एक खतरनाक मानसिकता को जन्म दे सकती है। एक छूटा हुआ जिम ट्रेनिंग सेशन आपकी मानसिकता को “मैं जिम जाने में असफल रहा” में बदल सकता है और इस new year’s fitness resolutions को पूरी तरह से खत्म कर सकता है। परफेक्शन के पीछे ना भागकर प्रोग्रेस पर ध्यान केंद्रित करना और छोटी जीत का जश्न मनाना आपको सफलता के लिए कट्टर बनाता है।
🔸Negative Reinforcement:
सोशल मीडिया पर प्रोग्रेस को “परफेक्ट” दिखाने का दबाव भी आग में घी डालने का काम कर सकता है। सिर्फ सोशल मीडिया पर दिखाई गई सफलता की कहानियाँ देखने से आत्म-संदेह और नकारात्मक तुलना उत्पन्न होती है, जिससे मोटिवेशन खत्म हो जाती है।
new year’s fitness resolutions को बनाएं रखने की चुनौती और संघर्ष
नए फिटनेस रूटीन को शुरू करने से पहले हमे कई चीज ललचाती है, जैसे सुडौल पेट, तराशे हुए एब्स, म्युस्कुलर शरीर, असीमित ऊर्जा और एक अच्छे स्वास्थ्य का वादा आपको आकर्षित करता है।
लेकिन फिर भी, सीने में जलती फिटनेस की आग को लगातार कमिटमेंट में बदलना एक कठिन पहाड़ पर चढ़ने जैसा महसूस हो सकता है।
डरो मत, निडर पर्वतारोहीयो! सामान्य चुनौतियों और नुकसानों को समझकर, आप अपने फिटनेस लक्ष्यों के शिखर तक पहुंचने के लिए जरूरी चीजों से खुद को लैस कर सकते हैं।
1. मोटिवेशन कम होना (The Mountain of Motivation):
🔸Initial Exhilaration, Gradual Erosion:
जो उत्साह शुरू में अपने चरम पर होता है, वह अक्सर फीका पड़ने लगता है। जिसका कारण ट्रेनिंग में नयेपन की कमी और ट्रेनिंग plateau (प्रोग्रेस ना बढ़ना) हिट करना है। ट्रेनिंग में नीरसता और मसल सोरनेस भी new year’s fitness resolutions को खत्म कर देती है, जिससे फिटनेस रूपी पहाड़ के शिखर पर पहुंचने की कोई कीमत नहीं बचती।
🔸Lack of Clarity:
“फिट होना है” जैसे अस्पष्ट लक्ष्यों में वैसा खासपन (specificity) नहीं होता, जैसा शिखर तक पहुंचने के लिए हमारे दिमाग को मार्गदर्शन दे सके। अगर हम नाप-तौलकर स्पष्ट लक्ष्य बनाते है, तो यह यात्रा के दौरान एक नक्शा और मील के पत्थर साबित हो सकते है।
2. पर्याप्त समय का अभाव (The Treacherous Terrain of Time):
🔸Time Crunch Conundrum:
वर्कआउट शेड्यूल करना आपके पहले से ही ओवरलोडेड बैकपैक में एक और भारी पत्थर फिट करने जैसा लगता है। काम, परिवार और सामाजिक कमिटमेंट आपको समय की कमी महसूस करवा सकती हैं, जिससे new year’s fitness resolutions प्राथमिकता सूची (priority list) में सबसे नीचे चले जाते है।
🔸Planning for Success:
समय की कमी के लिए रणनीतिक योजना की आवश्यकता होती है। वर्कआउट शेड्यूल को इंपोर्टेंट अपॉइंटमेंट की तरह महत्व दें, और यदि लंबे ट्रेनिंग सेशन मुश्किल लगते हैं तो छोटे, हाई इंटेंसिटी वाले ट्रेनिंग सेशन पर विचार करें।
3. स्वयं पर अविश्वास (The Slippery Slope of Self-Sabotage):
🔸Negative Self-Talk:
आपके अंदर का आलोचक आपका सबसे बड़ा दुश्मन हो सकता है, जो संदेह और नकारात्मकता फैलाता है। असफलताओं से कुछ नया सीखा, यह मानकर और छोटी जीत का जश्न मनाकर इसका मुकाबला करें।
🔸The Comparison Trap:
सोशल मीडिया पर फिटनेस इनफ्लुएंसर्स की परफेक्ट फिजिक देखकर असुरक्षा और अपर्याप्तता की भावनाएं पैदा हो सकती हैं। याद रखें, उनकी यात्रा आपकी नहीं है। अपनी प्रोग्रेस पर ध्यान दें और खुद की अचीवमेंट का जश्न मनाएँ।
4. रोमांच खत्म होना (The Weathering Process of Boredom):
🔸Monotonous Mountains:
वही रूटीन, वही जिम, वही दृश्य – रोमांच जल्दी ही ख़त्म हो जाता है। चीज़ों को ताज़ा और रोमांचक बनाए रखने के लिए विभिन्न विषयों, गतिविधियों और स्थानों के साथ अपने वर्कआउट में विविधता लाएँ।
🔸Finding Your Fitness Flow:
उन एक्टिविटी की खोज करें जिनका आप वास्तव में आनंद लेते हैं, चाहे वह डांस हो, रॉक क्लाइंबिंग हो, या मॉर्निंग वॉक हो। जुनून मोटिवेशन को बढ़ाता है और एक्सरसाइज़ को एक साधारण काम जैसा महसूस नहीं होने देता है।
कैसे new year’s fitness resolutions को टूटने न दे और उन पर टिके रहे?
Reaching the Peak: Tools and Strategies
फिटनेस का रास्ता एक जैसा नहीं है, कभी ऊंचा तो कभी नीचा है, लेकिन सही उपकरणों (tools) और रणनीतियों (strategies) के साथ, आप किसी भी new year’s fitness resolutions पर विजय प्राप्त कर सकते हैं:
1. सही लक्ष्यों का निर्धारण (Practical Goal Setting)
प्रैक्टिकल गोल सेटिंग इसलिए की जाती है, कि इससे हमारी महत्वाकांक्षी इच्छाएं उन ठोस कदमों में बदल जाए, जो हमें असली प्रोग्रेस करने में मदद करते है। इस तरह से new year’s Fitness resolutions सेट करने से इसके “क्या” और “कैसे” के बीच के अंतर को कम किया जा सकता है। प्रैक्टिकल गोल सेटिंग करने के लिए यहां कुछ प्रमुख सामग्रियां दी गई हैं:
🔸SMARTen Up:
Specific (विशिष्ट): ”स्वस्थ होना है” के बजाय, “सप्ताह में 3 बार 30 मिनट पैदल चलना है” का लक्ष्य रखें।
Measurable (मापने योग्य): कितने स्टेप्स चले, कितने रेप्स लगाएं, कितने kg कम किए, या किसी भी प्रासंगिक मीट्रिक के साथ अपनी प्रोग्रेस को ट्रैक करें।
Achievable (प्राप्त करने योग्य): ऐसे लक्ष्य निर्धारित करें जो चुनौतीपूर्ण हों लेकिन प्राप्त करने योग्य हों, जिससे अंत में निराशा न हो।
Relevant (प्रासंगिक): सुनिश्चित करें कि आपके लक्ष्य आपके मूल्यों और दीर्घकालिक दृष्टिकोण के अनुरूप हों।
Time-bound (समयबद्ध): ध्यान केंद्रित और मोटिवेटेड रहने के लिए प्रत्येक पड़ाव के लिए डेडलाइन निर्धारित करें।
🔸Habit Hacks:
New year’s Fitness resolutions को सपोर्ट करने के लिए नई आदतें बनाने या मौजूदा आदतों में बदलाव करने पर ध्यान केंद्रित करें। छोटे, लगातार बदलावों को बनाए रखना आसान होता है और स्थायी परिणाम मिलते हैं। मीठे पेय पदार्थों की जगह पानी लें, लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करें, या अनहेल्दी स्नैक्स की जगह फलों को खाए।
🔸Find Your Why:
अपने फिटनेस लक्ष्यों को एक गहरे उद्देश्य से जोड़ें, कुछ ऐसा जो वास्तव में आपको उत्साहित और प्रेरित करे। खुद से सवाल पूछे कि क्या यह बेहतर स्वास्थ्य के बारे में है, क्या दिनभर एनर्जेटिक रहने के लिए है, या किसी स्पोर्ट्स कंपीटीशन में विजय प्राप्त करना है?
🔸Progress over Perfection:
असफलताओं को अपनी यात्रा के बीच का रोड़ा न बनने दें। उन्हें सीखने के अवसरों के रूप में देखें और यदि आवश्यक हो तो अपना देखने का नजरिया बदलें। याद रखें, प्रोग्रेस ही सबकुछ है, परफेक्शन कुछ भी नहीं।
🔸 Track and Celebrate:
अपनी प्रोग्रेस को ट्रैक करें, अपने प्रयासों को स्वीकार करें और प्रत्येक छोटे या बड़े माइलस्टोन के अचीव होने का जश्न मनाएं। पॉजिटिव रेनफोर्समेंट आपको मोटिवेटेड रखता है और उस बिहेवियर को बढ़ाता है जिसके साथ आप जुड़े रहना चाहते हैं।
🔸Tools and Resources:
व्यवस्थित और खुद के प्रति जवाबदेह बने रहने के लिए गोल-ट्रैकिंग ऐप्स, ट्रैकर्स या यहां तक कि एक साधारण नोटबुक का उपयोग करें। अपने new year’s fitness resolutions को शेयर करने और एक-दूसरे को प्रोत्साहित करने के लिए दोस्तों, परिवार या ऑनलाइन कम्यूनिटीज से सहायता लें।
याद रखें, प्रैक्टिकल गोल सेटिंग एक हमेशा चलने वाली प्रोसेस है। इसके लिए आवश्यकतानुसार अपने नज़रिए को अपनाएँ, एडजस्ट करें और ऑर्गनाइज करें। सही मानसिकता और रणनीतियों के साथ, आप एक समय में एक छोटा कदम उठाकर new year’s fitness resolutions को प्राप्त करने योग्य वास्तविकताओं में बदल सकते हैं।
2. असल में प्राप्त कर सकें ऐसे फिटनेस लक्ष्य (Realistic and achievable fitness objectives)
लॉन्ग टर्म सक्सेस और खतरनाक बर्न-आउट से बचने के लिए यथार्थवादी (realistic)और प्राप्त करने योग्य (achievable) फिटनेस उद्देश्य (objectives) निर्धारित करना महत्वपूर्ण है। आपके मौजूदा फिटनेस लेवल और लाइफस्टाइल के माफिक new year’s fitness resolutions बनाने के लिए यहां कुछ टिप्स दी गई हैं:
🔸Start Where You Are:
▫️सोफे पर पड़े रहने से सीधा मैराथन दौड़ने तक न पहुंच जाएं। अपने वर्तमान गतिविधि स्तर का आकलन करें और वहां से निर्माण करें। छोटी शुरुआत करें और धीरे-धीरे समय के साथ तीव्रता और अवधि बढ़ाएं।
▫️आपकी स्वास्थ्य संबंधी लिमिटेशंस, समय की कमी और आपके पास कितने रिसोर्सेस है- जैसे फैक्टर्स पर विचार करें। अपने लक्ष्यों को अपनी विशिष्ट परिस्थितियों के अनुरूप बनाएं।
🔸Focus on Process, Not Just Outcomes:
▫️”10 kg कम करने” के बजाय, “अधिक सब्जियां खाने और जंकफूड, प्रोसेस्ड फूड को छोड़कर घर का बना खाना पकाने” का लक्ष्य रखें। इस तरह के प्रोसेस-ओरिएंटेड गोल्स स्वस्थ आदतों पर जोर देते हैं जिनके स्वाभाविक रूप से वजन घटने लगता हैं।
▫️बढ़ी हुये एनर्जी लेवल, बेहतर नींद, या किसी नई एक्सरसाइज़ में महारत हासिल करने जैसी गैर-स्तरीय जीतों के माध्यम से अपनी प्रोग्रेस को ट्रैक करें।
🔸Embrace Small Wins:
▫️ फिटनेस के रास्ते में छोटे-छोटे माइलस्टोन तक पहुंचने का जश्न मनाएं। 30 मिनट की सैर पूरी करना या किसी नई योग मुद्रा में महारत हासिल करना काबिल-ए-तारीफ उपलब्धियाँ हैं।
▫️छोटी-छोटी जीतें आत्मविश्वास और गति पैदा करती हैं, जिससे आप लंबे समय के लिए मोटिवेटेड रहते हैं।
🔸Make it Specific and Measurable:
▫️बस यह मत कहो “स्ट्रॉन्ग बनना है।” इसके बजाय “महीने के अंत तक स्क्वैट्स या डेडलिफ्ट में 20% अधिक वजन उठाना है” का लक्ष्य रखें। विशिष्टता (specificity) और मापनीयता (measurability) एक स्पष्ट रोडमैप प्रदान करती है और आपको प्रोग्रेस को ट्रैक करने में मदद करती है।
🔸Keep it Enjoyable:
▫️ऐसी ऐक्टिविटीज चुनें जो आपको वास्तव में मज़ेदार लगें! यह जानने के लिए कि आपके अंदर के एथलीट को किस चीज़ से एनर्जी मिलती है, अलग-अलग फिटनेस स्टाइल्स, जैसे डांस, मार्शल आर्ट्स या तैराकी का प्रयोग करें।
▫️कुछ लोगों को अकेले ट्रेनिंग करना बोरिंग लगता है। इसके लिए किसी ग्रुप में होने वाली फिटनेस एक्टिविटी या फिर किसी दोस्त के साथ ट्रेनिंग करें।
रियलिस्टिक और अचिवेबल फिटनेस उद्देश्यों के कुछ उदाहरण:
🔸Increase activity level:
सप्ताह में 3 बार 30 मिनट तक टहलें, लिफ्ट के बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करें, पूरे दिन थोड़ी-थोड़ी स्ट्रेचिंग करें।
🔸Improve strength and flexibility:
घर पर बॉडीवेट एक्सरसाइजेस आज़माएँ, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के लिए जिम ज्वाइन करें, योग या पिलाटेस (Pilates) का अभ्यास करें।
🔸Enhance cardiovascular health:
Weekend में साइकिल की सवारी के लिए जाएं, स्विमिंग पूल में तैरें, सामुदायिक दौड़/वॉक कार्यक्रम में भाग लें।
🔸Promote overall well-being:
घर पर स्वस्थ भोजन पकाएं, नींद को प्राथमिकता दें, माइंडफुलनेस या ध्यान का अभ्यास करें।
याद रखें, सफलता की कुंजी निरंतरता है, तीव्रता नहीं। लगातार उठाए गए छोटे, दैनिक कदम समय के साथ महत्वपूर्ण बदलाव लाते हैं। अपने साथ धैर्य रखें, अपनी प्रोग्रेस का जश्न मनाएं, और खुद को स्वस्थ और तंदुरुस्त बनाने की यात्रा का आनंद लें!
3. स्वयं और लक्ष्यों को परिस्थिति अनुसार ढालना (Adjusting and Adapting)
जीवन में लक्ष्यों और योजनाओं के प्रति एडजस्ट होना बहुत जरूरी है। हालाँकि आकांक्षाएँ और इरादे रखना महत्वपूर्ण है, लेकिन उनका कट्टरता से पालन करना भी गलत है। क्योंकी कई परिवर्तन ऐसे होते है जो हमारे बस में नहीं होते और इनके कारण हम मनचाहा परिणाम नहीं मिलता है, तो दुख और निराशा ही हाथ लगती है
यहां बताया गया है कि new year’s fitness resolutions पर कायम रहने के दौरान अपने नज़रिए को परिस्थिति के हिसाब से अपनाने से आपको क्या लाभ होता है:
🔸Embracing the Evolving Landscape:
जिंदगी में हमेशा हमारी सोच से कुछ न कुछ अलग होता रहता है, पता नही चलता कब किस मोड़ पर ला कर खड़ा कर दे और पता नही कब कौन सा मौका देदें। इसलिए हमारे प्लान हमेशा फ्लेक्सिबल होना चाहिए, जिन्हे हम आसानी से तोड़ मरोड़कर अपने लायक एडजस्ट कर ले। क्योंकि कठोर योजनाओं (rigid plans) को हम एडजस्ट नही कर सकते और उनके मुताबिक एडजस्ट होने के लिए बहुत ज्यादा मेहनत लगती है।
🔸Learning from the Journey:
यदि हम कोई खास परिणाम (specific outcome) पर फिक्स हो जाते है, तो रास्ते में आने वाले कई कीमती सबकों से चूक जाते है। परिस्थिति के अनुसार new year’s fitness resolutions को एडजस्ट करने से हमारा दिमाग ऐसी चीजे सीख सकता है, जो हमने सोची भी ना हो। और यह हम एक बेहतर एक्सपीरियंस दे सकता है या फिर उस रास्ते पर ले जा सकता है, जहां ज्यादा संतुष्टि मिले।
🔸Prioritising Progress over Perfection:
एक निश्चित योजना पर ध्यान केंद्रित करने से असफलता मिलने पर निराशा का खतरा रहता है। जबकि new year’s fitness resolutions को परिस्थिति के अनुसार ढालने से आप अपने नज़रिए को भी एडजस्ट कर सकते हैं, गलतियों से सीख सकते हैं और प्रोग्रेस का जश्न मना सकते हैं, भले ही आप प्रारंभिक योजना से भटक जाए।
🔸Enhancing Your Adaptability:
बदलती परिस्थितियों के अनुरूप ढलने की क्षमता जीवन का एक खास हुनर है। अपने new year’s fitness resolutions को एडजस्ट करके, आप इस हुनर को निखारते हैं और जीवन में आने वाली किसी भी कठिन परिस्थिति को संभालने के लिए खुद को तैयार करते हैं।
🔸Cultivating Greater Well-being:
जब चीज़ें मन के मुताबिक नहीं होतीं तो योजनाओं का कठोरता से पालन करना तनाव और चिंता पैदा कर सकता है। हमारे new year’s fitness resolutions को एडजस्ट करने से अधिक आरामदायक और खुली मानसिकता को बढ़ावा मिलता हैं और तनाव कम होता है।
याद रखें, new year’s fitness resolutions को एडजस्ट करने का मतलब अपने लक्ष्यों को छोड़ना नहीं है, बल्कि जीवन के लगातार बदलते परिदृश्य में उन्हें हासिल करने के लिए सबसे अच्छा रास्ता खोजना है।
भले ही आपका अभी का रास्ता आपकी शुरुआत की कल्पना से अलग हो सकता है, लेकिन मंजिल – एक बेहतर फिटनेस को पाना- वही रहती है।
4. सकारात्मक सोच रखना (Staying Positive and Cultivating a positive mindset)
New year’s fitness resolutions के रोलरकोस्टर पर अपना उत्साह बनाए रखना चैलेंजिंग हो सकता है! लेकिन डरो मत, क्योंकि पूरी फिटनेस की इस यात्रा के दौरान पॉजिटिविटी को बढ़ाने और मोटिवेटेड रहने के कई तरीके हैं। आपकी हिम्मत को बनाए रखने के लिए यहां कुछ तरीके दिए जा रहे हैं:
🔸Reframe Your Mindset:
▫️Shift from “should” to “want”:
खुद पर बोझ लेकर घूमने की भावनाओं को असली इच्छा से बदलें। अपने आप से पूछें, “मुझे यह क्यों चाहिए?” और अपने new year’s fitness resolutions को गहरे मतलब और जुनून से जोड़ें।
▫️Celebrate small wins:
मंज़िल तक पहुंचने का इंतजार न करें. आपके द्वारा उठाए गए हर कदम को पहचानें और उसका जश्न मनाएं, चाहे वह कितना भी छोटा क्यों न हो। वर्कआउट पूरा करना, नई हेल्दी रेसिपी को सीखना या अनहेल्दी चीजों की तलब को रोकना, ये सभी जीतें थोड़ी सी खुशी से नाचने के योग्य तो हैं।
▫️Focus on progress, not perfection:
चाहे कितना भी रोक लो फिटनेस के रास्ते में असफलताएं तो आएंगी, लेकिन आप उन असफलताओ से बड़े हो। इनसे सीखकर आगे बढ़े और अगली बार अपनी अप्रोच को एडजस्ट करके काम करें।
🔸Cultivate a Positive Environment:
▫️Embrace like-minded company: अपने आप को सहयोगी, मित्रों, परिवार या ऑनलाइन कम्यूनिटिज के आसपास रखें जो आपके लक्ष्यों को शेयर करते हैं और आपके संघर्षों को समझते हैं। उनका प्रोत्साहन और जवाबदेही एक शक्तिशाली मोटीवेटर हो सकता है।
▫️Visualise success: अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की कल्पना करें और उपलब्धि की भावना का आनंद लें। यह पॉजिटिव विजुअलाइजेशन आपकी कमिटमेंट को मजबूत करता है और आपको फिनिश लाइन पर इंतजार कर रहे इनाम की याद दिलाता है।
▫️Find joy in the process:
अपनी यात्रा को आकर्षक बनाएं! एक्सरसाइज़ करते समय जोशीला संगीत बजाएं, दोस्तों के साथ हेल्दी भोजन बनाएं, या पॉइंट्स और रिवार्ड्स के साथ अपने new year’s fitness resolutions को पूरा करें।
🔸Practice Kindness, To Yourself and Others:
▫️Self-compassion is key:
खुद के प्रति दयालु रहें। गलतियों के लिए खुद को माफ करें और इनकरेज करने के साथ फिर से ध्यान केंद्रित करें। नकारात्मक आत्म-चर्चा केवल डिमोटिवेटर के रूप में कार्य करती है।
▫️Spread positivity:
मदद करने वाले लोगों की सराहना करें और दूसरों की सफलता का जश्न मनाएं। काइंडनेस फैलाने से एक पॉजिटिव इफेक्ट पैदा होता है, आपका मूड बेहतर होता है और आपके आस-पास के लोगों को प्रेरणा मिलती है।
▫️Seek inspiration:
मोटिवेशनल कहानियाँ पढ़ें जिसमें लोगों ने चुनौतियों पर विजय प्राप्त की है, उत्साहवर्धक पॉडकास्ट सुनें या इंस्पायरिंग डॉक्यूमेंट्रीज देखें। उन लोगों की मोटिवेशनल जर्नी आपके अंदर उम्मीद जगा सकती हैं और आपको याद दिला सकती हैं कि कुछ भी संभव है।
🔸Take Care of Yourself:
▫️Prioritise sleep:
फिटनेस के रास्ते में आने वाले चैलेंजेस से निपटने के लिए और पॉजिटिविटी के लिए एक स्वस्थ मन और शरीर आवश्यक है। प्रत्येक रात 7-8 घंटे की गुणवत्तापूर्ण नींद का लक्ष्य रखें।
▫️Nourish your body:
अपने शरीर को हेल्दी खाद्य पदार्थों से ऊर्जा प्रदान करें और हाइड्रेटेड रहें। प्रॉपर न्यूट्रीशन एनर्जी के लेवल को बढ़ाता है और मूड़ सुधारता है।
▫️Manage stress:
स्ट्रेस को मैनेज करने के लिए स्वस्थ तरीके खोजें, जैसे ध्यान, योग या प्रकृति में समय बिताना। शांत मन ही प्रसन्न मन होता है।
याद रखें, अपने new year’s fitness resolutions की यात्रा पर पॉजिटिव और मोटिवेटेड रहने के लिए निरंतर प्रयास की आवश्यकता होती है।
सार और निष्कर्ष (Summary and Conclusion):
Recap of key points
🔸नए साल के संकल्पों में फिटनेस संकल्प सबसे आम होते हैं, लेकिन ये संकल्प अक्सर एक महीने भी नहीं टिकते।
🔸New year’s fitness resolutions को टूटने से बचाने के लिए, आपको अपने लक्ष्यों को स्पष्ट, मापने योग्य, प्राप्त करने योग्य, प्रासंगिक और समयबद्ध बनाना चाहिए।
🔸आपको अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक योजना भी बनानी चाहिए और उस पर टिके रहना चाहिए।
🔸अपनी प्रगति को ट्रैक करें और अपनी छोटी जीत का जश्न मनाएं।
🔸नकारात्मक सोच को दूर करें और सकारात्मक दृष्टिकोण रखें।
🔸अपने दोस्तों और परिवार से समर्थन प्राप्त करें।
🔸अपने लक्ष्यों को अपने जीवनशैली के अनुकूल बनाएं।
🔸अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए छोटे, व्यवहार्य बदलाव करें।
🔸अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक समय सीमा निर्धारित करें।
🔸यदि आप असफल होते हैं, तो निराश न हों। अपनी गलतियों से सीखें और आगे बढ़ें।
🔸नए साल के फिटनेस संकल्पों को प्राप्त करना आसान नहीं है, लेकिन यह असंभव भी नहीं है। सही दृष्टिकोण और रणनीतियों के साथ, आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं और एक स्वस्थ और तंदुरुस्त जीवन जी सकते हैं।
आखरी बात (In closing)
याद रखें, नया साल सेल्फ-इंप्रूवमेंट का एकमात्र समय नहीं है। हर दिन एक नए मौके की तरह है, जिसमें हम कुछ नया सीख सकते है, या अपने लक्ष्यों के लिए काम कर सकते है।
मनोवैज्ञानिक बाधाओं को समझकर, एक समय में एक कदम उठाकर और उस भाषा का उपयोग करके जिसे हमारा दिमाग समझता है, हम New year’s fitness resolutions को क्षणभंगुर सपनों से स्थायी वास्तविकताओं में बदल सकते हैं।
मुझे उम्मीद है कि यह विस्तृत चर्चा असफल New year’s fitness resolutions के पीछे के मनोविज्ञान की कीमती जानकारी प्रदान करेगी और आपको अधिक समझ और सफलता के साथ अपने लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए सशक्त बनाएगी।
क्या आपके पास कोई विशिष्ट New year’s fitness resolutions है जिसे आप शेयर करना या चर्चा करना चाहेंगे? आप नीचे कमेंट में बता सकते है। मुझे आपको पर्सनल सलाह या सहायता प्रदान करने में खुशी होगी।